इस प्रेरणादायक कहानी में जानिए एक बुज़ुर्ग घड़ीसाज़ की ईमानदारी और धैर्य कैसे एक अमीर आदमी की ज़िंदगी को सिखा देता है एक अनमोल सबक। यह “Short moral story in Hindi” न केवल आपको सोचने पर मजबूर करेगी, बल्कि जीवन में सही फैसले लेने की दिशा भी दिखाएगी। पढ़ें यह दिल छू लेने वाली कहानी जो बताती है कि अच्छाई और सब्र का फल हमेशा मीठा होता है।
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Short Moral Hindi Story: एक छोटे से शहर में एक बूढ़े आदमी रहते थे, उनका नाम था प्रकाश। वह घड़ियों की मरम्मत करते थे। शहर के सभी लोग उन्हें पसंद करते थे क्योंकि वह ईमानदार थे और अच्छा काम करते थे।
एक दिन एक अमीर आदमी, जिसे लोग मिस्टर शर्मा कहते थे, उस बूढ़े आदमी की दुकान पर आया। उसके पास एक सोने की घड़ी थी। उसने कहा, “यह घड़ी बहुत पुरानी है। अब यह चलती नहीं है। कृपया इसे ठीक कर दीजिए। मैं आपको अच्छा पैसा दूंगा।”
बूढ़े आदमी ने घड़ी देखी। उन्होंने देखा कि घड़ी के अंदर काफी कुछ टूट गया है। उन्होंने कहा, “मुझे इस घड़ी को ठीक करने में एक हफ्ता लगेगा। मुझे कुछ पार्ट्स बदलने पड़ेंगे।”
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मिस्टर शर्मा खुश नहीं हुए। उन्होंने कहा, “एक हफ्ता बहुत लंबा समय है! मुझे यह घड़ी दो दिन में चाहिए, एक बहुत बड़ी मीटिंग के लिए। अगर मैं इस मीटिंग में अच्छा करूंगा तो मुझे दस लाख रुपये का बिज़नेस मिल जाएगा। कृपया इसे जल्दी ठीक कर दीजिए!”
बूढ़े आदमी ने कहा, “अगर मैं जल्दी में ठीक करूंगा तो यह फिर से खराब हो सकती है। मैं अच्छा काम करना चाहता हूं, ना कि सिर्फ जल्दी का काम।”
मिस्टर शर्मा ग़ुस्से में वहां से चले गए। वह बाज़ार में घूम रहे थे, तभी उन्होंने एक छोटी सी दुकान देखी जहाँ एक जवान लड़का घड़ियाँ ठीक कर रहा था। वह लड़का बहुत तेज़ और मीठा बोलने वाला था। उसने मिस्टर शर्मा को परेशान देखा और तुरंत बोला, “सर, आप परेशान लग रहे हैं। क्या मैं आपकी मदद कर सकता हूँ?”
मिस्टर शर्मा ने उसे अपनी सोने की घड़ी और बड़ी मीटिंग के बारे में बताया। जवान लड़का मुस्कराया और बोला, “सर, आप बहुत लकी हैं कि आप मुझे मिल गए! मैं शहर का सबसे तेज़ घड़ी बनाने वाला हूँ। मैं आपकी घड़ी सिर्फ एक रात में ठीक कर दूँगा। आपको मुझसे अच्छा कोई नहीं मिलेगा।”
मिस्टर शर्मा खुश हो गए और पूछा, “क्या आप पक्का कह रहे हैं कि यह सही से चलेगी?”
जवान लड़का बोला, “बिलकुल सर! मैं इसे बिल्कुल नई जैसी बना दूँगा। लेकिन, क्योंकि आपको जल्दी चाहिए, मुझे एक्स्ट्रा पैसे लगेंगे।”
मिस्टर शर्मा मान गए और उसे घड़ी दे दी। जवान लड़का घड़ी अंदर ले गया। उसने असल में घड़ी के खराब पार्ट्स नहीं बदले। सिर्फ बाहर से साफ़ किया और एक पुराना पार्ट लगा दिया ताकि किसी तरह घड़ी चलने लगे। उसे पता था कि घड़ी जल्दी बंद हो जाएगी, लेकिन उसे सिर्फ पैसे चाहिए थे।
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अगले दिन, जवान लड़के ने घड़ी मिस्टर शर्मा को वापस दे दी। बोला, “देखिए सर! आपकी घड़ी अब बिल्कुल नई हो गई है।”
मिस्टर शर्मा ने उसे ज़्यादा पैसे दिए और खुश होकर चले गए।
मीटिंग का दिन आया। मीटिंग एक बड़े शहर के होटल में थी। बहुत सारे महत्वपूर्ण लोग वहां थे। मिस्टर शर्मा सही समय पर मीटिंग जॉइन करना चाहते थे, उन्हें अपना प्रोजेक्ट सबको दिखाना था ताकि उन्हें 10 लाख की डील मिले।
सुबह 10 बजे मीटिंग शुरू हुई, मिस्टर शर्मा को 10:30 बजे मीटिंग में शामिल होना था। वह अपने होटल रूम में आराम कर रहे थे। अचानक घड़ी बंद हो गई। मिस्टर शर्मा को समय का पता ही नहीं चला। उन्होंने सोचा अभी समय है, तो वो रूम में ही रुक गए।
इधर 11 बज गए लेकिन मिस्टर शर्मा मीटिंग में नहीं आए। दूसरे बिजनेस मैन ने सोचा कि मिस्टर शर्मा गंभीर नहीं हैं और डील किसी और को दे दी।
जब मिस्टर शर्मा मीटिंग रूम में पहुंचे तब तक देर हो चुकी थी। मिस्टर शर्मा ने डील खो दी। वह बहुत उदास हो गए। सिर्फ समय का पता न होने के कारण उन्होंने दस लाख रुपये का नुक़सान कर दिया। ऊपर से होटल का बिल और सफर का खर्चा मिलाकर पचास हज़ार रुपये और लग गए। ये सब इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने जल्दी काम चाहा था, अच्छा काम नहीं।
मिस्टर शर्मा वापस बूढ़े आदमी के पास गए और बोले, “आप सही थे। मुझे आपकी बात सुननी चाहिए थी। मैंने इतना पैसा खो दिया क्योंकि मैं सब्र नहीं कर सका।”
बूढ़े आदमी मुस्कराए और बोले, “अच्छी चीज़ें समय लेती हैं। अगर आपको अच्छा काम चाहिए तो इंतज़ार करना पड़ेगा।”
एक हफ्ते बाद, बूढ़े आदमी ने घड़ी वापस दी। अब वह बिल्कुल सही चल रही थी।
मिस्टर शर्मा खुश हो गए और बूढ़े आदमी को धन्यवाद दिया। और उन्होंने कहा — आज मुझे एक बड़ी सीख मिली:
अगर आपको अच्छा परिणाम चाहिए तो सब्र रखो। शॉर्टकट मत ढूंढो। ईमानदार और ध्यान से किया गया काम हमेशा बेहतर होता है। कभी-कभी समय बचाने के चक्कर में आप और ज़्यादा खो देते हो। और हमेशा उन लोगों पर विश्वास करो जो ईमानदार हैं, सिर्फ मीठा बोलने वालों पर नहीं।