Short Moral Stories in Hindi for Class 8 | कक्षा 8 के बच्चों के लिए नैतिक कहानियाँ

कहानियां खास कर नैतिक कहानियाँ सुन्ना किसको पसंद नहीं आता! हम सब बचपन में दादा दादियो से कहानियां सुनकर ही तो बड़े हुए है। इन नैतिक कहानियों के माध्यम से ही तो हमें नैतिकता का ज्ञान मिलता था।

इस blog पोस्ट में हम आपके Short Moral Stories in Hindi for Class 8 दे रहे है, जिसे सुनकर आपको तो अच्छा लगेग, लेकिन आपके बच्चों को भी अच्छा लगेगा और सिखने को मिलेगा। आप जो कहानियां पड़ने जा रहे है वो सारे एकदम नई कहानियां है, इसलिए इन्हे जरूर पड़े

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1. बाघ और सियार की कहानी – Short Moral Stories in Hindi for Class 8

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Short Moral Stories in Hindi for Class 8

एक बार की बात है, एक घने जंगल में एक बाघ और एक लोमड़ी रहते थे। बाघ जंगल का राजा था, जबकि लोमड़ी अपनी बुद्धि और बुद्धिमत्ता के लिए जानी जाती थी। एक दिन बाघ ने जंगल में टहलने का फैसला किया। घूमते-घूमते उसे लोमड़ी मिल गई। बाघ ने लोमड़ी से पूछा, “अरे, नन्ही! क्या तुम मुझे बता सकती हो कि मैं अपने दोपहर के भोजन के लिए एक बड़ा और रसीला जानवर कहाँ ढूँढ सकता हूँ?”

लोमड़ी, जो बाघ की चालाकी और मांस की भूख से वाकिफ थी, उस ने जवाब दिया, “हे राजा, मुझे माफ़ करे मैं आपकी मदद नहीं कर सकती। लेकिन, मैं किसी ऐसे व्यक्ति को जानती हूं जो निश्चित रूप से आपकी मदद कर सकता है।”

बाघ ने पूछा, “कौन है वह? मुझे जल्दी बताओ!”

लोमड़ी ने कहा, “वह सियार है जो जंगल के दूसरी तरफ रहता है। वह जंगल के हर कोने को जानता है और आपको अपना शिकार खोजने में मदद कर सकता है।”

बिना किसी सोच विचार के बाघ ने लोमड़ी की सलाह मानी और सियार को खोजने के लिए निकल गया। थोड़ी देर में बाघ ने सियार को ढूंढ लिया और उसे अपना भोजन खोजने में मदद करने के लिए कहा।

सियार, जो अपनी चालाकी के लिए जाना जाता था, उस ने उत्तर दिया, “हे राजा, आपको शिकार खोजने के लिए दूर जाने की आवश्यकता नहीं है। इस पेड़ के पीछे एक बड़ा और रसीला जानवर है। आप बस इस पेड़ के पीछे जाना है, और आपको आपका खाना मिल जायेगा।”

बाघ ने आँख बंद करके सियार की सलाह का पालन किया और पेड़ के पीछे चला गया, और एक शिकारी के जाल में फँस गया। बाघ ने जाल से निकल ने के लिए संघर्ष किया और दहाड़ा, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ।

लोमड़ी दूर से यह सब देख रही थी, वह बाघ के पास आई और बोली, “हे राजा, हमेशा याद रखना, जो कुछ भी अच्छा दिखता है वह आपके लिए अच्छा नहीं होता है। आँख बंद करके दूसरों का अनुसरण करने की अपेक्षा अपनी दिमाग का इस्तेमाल करना बेहतर है।”

बाघ ने अपना सबक सीखा और वादा किया कि वह किसी की दिए हुए सलाह को आँख बंद करके भरोसा नहीं करेगा। उस दिन से, बाघ और लोमड़ी अच्छे दोस्त बन गए, और बाघ हमेशा कोई भी निर्णय लेने से पहले लोमड़ी से सलाह लेता था।

मोरल: हमें अपने जीबन में कोई भी निर्णय लेने से पहले दो बार सोचना चाहिए और लोमड़ी जैसे अपने बुद्धिमान मित्रों से सलाह लेनी चाहिए।

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2. जादुई तालाब – Short Moral Stories in Hindi for Class 8

एक गांव में एक छोटा सा तालाब था जिसे जादुई माना जाता था। कहा जाता था कि जो भी इस तालाब में नहाता है, उसे उसकी मन की इच्छा पूरी हो जाती है। गांव वाले अक्सर तालाब में नहाते थे और अपनी-अपनी इच्छाओं को पूरा करने की कोशिश करते थे और बहुत से इच्छाएं पूरी भी हो जाती थीं।

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Moral stories in hindi for class 8

एक दिन, रवि नामका एक युवक अपने परिवार के साथ गांव में रहने आया। उसने जब जादुई तालाब के बारे में सुना तो उसके मन मैं अपनी एक इच्छा पूरा करने की लालच जागी। उसने गांव वालों से तालाब के बारे में पूछा, लेकिन गांव वाले उसको यह बताना भूल गया कि रात्रि में तालाब में तैरना सुरक्षित नहीं है।

रवि एक शाम तालाब पर गया और तैरने लगा। वह अपनी इच्छा के बारे में सोचते हुए खुश हो रहा था। अचानक उसे किसी चीज ने नीचे खींचा। वह तालाब में रहने वाली एक विशालकाय जल सर्प था, जो सिर्फ रात में बाहर आता था।

रवि मदद के लिए चिल्लाया, लेकिन आस-पास कोई नहीं था जो उसकी मदद कर सकता था। उस समय उसे अपनी माँ की सलाह के बारे में याद आया, जिसमें उसकी माँ ने कहा था की अनजाने जगहों पर हमेशा सावधान रहना। जब रवि को लगा की उसे बचाने के लिए आसपास कोई नहीं है, तब उसने संघर्ष छोड़ दिया, और गर्दन झुकाकर मरने का नाटक करने लगा। उसका यह प्रयास सफल रहा और सर्प ने उसे छोड़ दिया।

रवि घबराकर और डर कर अपने घर लौट गया। उसने अपने माता-पिता को इस घटना के बारे में बताया और वे उसे डाँटते हुए सावधान रहने की सलाह दी।

उस दिन से रवि ने सीखा कि सलाह का सुनना और सावधान रहना कितना महत्वपूर्ण होता है, विशेष रूप से अनजाने जगहों में। उसने अन्य गांव वालों को भी रात में तालाब में नहाने के खतरों के बारे में चेतावनी दी। गांव वाले रवि की चेतावनी के लिए आभारी थे और वे स्वयं भी सावधान रहना शुरू कर दिये।

इस कहानी का सारांश यह है कि अनजाने जगहों में सावधान रहने की जरूरत होती है। यह जीवन के हर पहलू में लागू होता है।

मोरल: इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपनी जिंदगी में समय समय पर सावधान रहना चाहिए। हमें नई जगहों पर जाने से पहले अच्छी तरह से जानकारी लेनी चाहिए और सलाह को सुनना चाहिए। इससे हम अनजाने खतरों से बच सकते हैं और अपनी जिंदगी को सुरक्षित बना सकते हैं।

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3. सीपियां और मछुआरा – Class 8 Moral Stories in Hindi

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कक्षा 8 के लिए लघु नैतिक कहानियां

सोम नाम का एक नौजवान लड़का था जिसे समुद्र तट पर सीपियों (seashells) का संग्रह करना अच्छा लग्ता था। हर दिन वह समुद्र के किनारे चलता और वहाँ से सबसे खूबसूरत सीपियां (seashells) collect करता था। एक दिन, वह समुद्र में मछलियां पकड़ रहे एक मछुआरों के समूह से मिला।

सोम ने मछुआरों से पूछा, “आप इतनी सारी मछलियों को क्यों पकड़ते हो?”

मछुआरों ने जवाब दिया, “हम मछलियां बाजार में बेचकर पैसे कमाने के लिए पकड़ते हैं। मगर तुम इन सीपियों का क्या करते हो?”

सोम ने कहा, “मैं इन्हें इसलिए इकट्ठा करता हूं क्योंकि वे खूबसूरत होती हैं। मैं इन्हें जार में रखना और इनकी प्रशंसा करना पसंद करता हूं।”

मछुआरों ने हंसते हुए कहा, “तुम अपना समय बर्बाद कर रहे हो। सीपियां का कोई मूल्य नहीं होती हैं। तुम बाजार में उन्हें नहीं बेच सकते।”

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सोम इसे बात को सुनकर निराश हो गया, लेकिन फिरभी वह हर दिन सीपियां collect करना जारी रखा।

एक दिन, एक धनवान व्यापारी नगर में आया और सोम के सीपियों का संग्रह देखा। सीपियों की खूबसूरती से वे व्यापारी आश्चर्यचकित हो गया और सोम से उन्हें बड़ी रकम में खरीदने का प्रस्ताव दिया। सोम खुश हो गया और अपना संग्रह उस व्यापारी को बेच दिया।

अगले दिन, मछुआरों ने सोम को पैसे से भरे एक बैग के साथ देखा और उनसे पूछा, “तुम्हारे पास इतने सारे पैसे कहां से आए?”

सोम ने जवाब दिया, “मैंने अपने सीपियों का संग्रह एक व्यापारी को बेच दिया, जिसने उनकी खूबसूरती का कदर किया।”

मछुआरें आश्चर्यचकित हो गए, और अपनी गलती को समझे। उन्होंने सीपियों का मूल्य कम करके आंका क्यूंकि वे उसे निरर्थक मानते थे।

Moral of the Story

कहानी का सीधा संदेश है कि सौंदर्य देखने वाले की नजर में होता है और एक आदमी का कचरा दूसरे आदमी का खजाना हो सकता है। अगर आप किसी चीज की कीमत को समझ नहीं पा रहे तो उसे निचा मानने की गलती न करें।

4. बुद्धिमत्ता की परीक्षा – कक्षा 8 के लिए लघु नैतिक कहानियां

Moral story in hindi for kids
Moral story in hindi for class 8

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में आकाश नाम का एक युवक रहता था। आकाश एक बहुत ही बुद्धिमान और आत्मविश्वासी लड़का था जो हमेशा अपनी क्षमताओं का प्रमाण देने की तलाश में रहता था। वह अपनी बुद्धिमानी पर बहुत गर्व करता था और उसे सब चीजों का ज्ञान है इसके दावा भी करता था।

एक दिन, एक बुजुर्ग ने आकाश को उसके बुद्धिमानी का परिचय देने को कहा। बुजुर्ग ने कहा, “मैं तुमसे तीन सवाल पूछूंगा, और अगर तुम उन सबालो के जवाब नहीं दे पाए, तो तुम्हें मेरे लिए एक काम करना होगा।”

आकाश ने चुनौती स्वीकार कर ली यह सोच कर की यह एक आसान जीत होगी। पहला सवाल बहुत सरल था, और आकाश ने बिना किसी संकोच के उसका जवाब दे दिया। दूसरा सवाल थोड़ा मुश्किल था, लेकिन आकाश उसका भी सही जवाब दे दिया।

तीसरे सवाल में, बुजुर्ग ने आकाश से जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज का पता लगाने को कहा। आकाश एक पल के लिए सोचा और आत्म विश्वास से उत्तर दिया, “बुद्धिमानी।”

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बुजुर्ग मुस्कुराया और कहा, “नहीं, आकाश। जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज विनम्रता है। विनम्रता के बिना, बुद्धिमानी कुछ नहीं होती।”

आकाश चौंक गया और उसे बुजुर्ग की बातें सही लगी। उसे समझ में आया कि वह अपनी क्षमताओं में बहुत अहंकारी हो गया था। उस दिन से, आकाश ने संकल्प लिया कि वह दूसरों के प्रति अधिक विनम्र और सम्मानपूर्ण आचरण करेगा।

उसने सीखा कि जीवन में बुद्धिमानी के अलावा भी अन्य चीजें महत्वपूर्ण होती हैं, और सफलता बुद्धिमानी, मेहनत और विनम्रता को एकसाथ प्रयोग करने से मिलती है। उसने यह भी सीखा कि कभी किसी को भी अनदेखा न करें, क्योंकि सबसे बुद्धिमान लोग हमें महत्वपूर्ण सीख दे सकते हैं।

Moral of the Story

इस नैतिक कहानी का सीख यह है कि विनम्रता एक आवश्यक गुण है जो व्यक्ति को वास्तविक सफलता हासिल करने में मदत करता है। बुद्धिमत्ता और ज्ञान महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन ये सब कुछ नहीं होते और व्यक्ति को अपनी क्षमताओं में बहुत अहंकारी और आत्मविश्वासी नहीं होना चाहिए।

5. जादुई पक्षी – Short Moral Stories in Hindi for Class 8

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Short Moral Stories in Hindi for Class 8

एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में लिली नाम की एक युवा लड़की रहती थी। लिली बहुत दयालु और उदार लड़की थी, जो हमेशा जरूरतमंद लोगों की मदद करती थी। वह अपने किसान माता-पिता के साथ रहती थी, और उनके पास एक छोटी सी खेत थी जहां वे फसल उगाते थे।

एक दिन, लिली खेत में चल रही थी, और उसने एक घायल पक्षी को जमीन पर लेटे हुए देखा। वह तुरंत पक्षी को उठाकर घर ले गई। उसने उस पक्षी को ठीक करके वापस जंगल में छोड़ दिया।

अगले दिन, पक्षी वापस आ गई और लिली को उसकी मेहरबानी के लिए धन्यवाद किया। उस पक्षी ने लिली से कहा की “मई एक जादुई पक्षी हूँ, मैं तुमेह तुम्हारी इस मेहरबानी के लिए एक इनाम देना चाहती हूँ।” लिली के मनमें लालच जागा, और लिली ने किसी भी बस्तु को छूते ही सोना बन जाने का इच्छा जताई।

पक्षी ने उसकी इच्छा पूरी की और हर चीज जो वह छूती थी, सोने की होने लगी। शुरुआत में, लिली बहुत खुश थी और उसने अपने आसपास की हर चीज छूने लगी। लेकिन जल्द ही, वह समझ गई कि उसने एक गलती कर दी है।

एक दिन, जब लिली अपने छोटे भाई के साथ खेल रही थी, तो उसने उसे छू लिया और सोने का रूप दे दिया। यह देखकर वह बहुत दुखी हुई और समझ गई कि उसने लालच में आकर गलत इच्छा मांग ली। उसे अपनी गलती का एहसास हुई और पक्षी से अपनी इच्छा को लौटा देने की बात कही।

पक्षी उसके सामने आ गया और कहा, “लिली, तुमने एक मूल्यवान सीख हासिल की है। उदारता सबसे मूल्यवान उपहार है। इसे माँगा या सोने से खरीदा नहीं जा सकता। याद रखो कि असली संपत्ति आपके आस पास के प्यार और खुशी में होती है।”

उस दिन से, लिली अपने परिवार के साथ सुखी और संतुष्ट जीवन जीने लगी। वह हमेशा अपनी सीख को याद रखती थी और जरूरतमंद लोगों की मदद करती रही, उसने कभी भी किसी को नुकसान पहुंचाने वाली कोई काम नहीं की।

Moral of the Story

इस short moral stories in hindi for class 8 (नैतिक कहानी) का सिद्धांत यह है कि असली धन दया और प्रेम में होता है, और भौतिक वस्तुएं कभी सुख नहीं ला सकतीं।

6. सिमा को मजाक करना पड़ा भारी – बेहतरीन लघु नैतिक कहानियां कक्षा 8 के लिए

Tiger and Girl story for kids with moral
Tiger and girl story for class 8 with moral

Moral Story for class 8: एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में एक युवा लड़की सिमा रहती थी। उसके गांव के चारों ओर घने जंगल थे। उसके पिता एक शिकारी थे जो उसे शिकार और ट्रैकिंग की कला सिखाते थे। हर दिन सिमा अपने पिता के साथ जंगल में जाकर शिकार और ट्रैकिंग सीखती थी।

एक दिन जब वे शिकार करने जा रहे थे, तब सिमा को बोरीयत महसूस होने लगी और उसने अपने पिता के साथ एक मजाक करने का फैसला किया। वह चिल्लाई, “बाघ! बाघ!”। उसके पिता तुरंत सतर्क हो गए और पीछे घूमके अपनी राइफल का निशान लगाया। लेकिन, जब उनको लगा की यह एक मजाक था तब उन्होंने सिमा को डांटा और आगे से इस तरह का कोई मजाक न करने के लिए कहा।

अगले दिन, जब वे एक और शिकार के लिए जा रहे थे, तब सिमा ने फिर से उसी तरह का मजाक की। वह चिल्लाई, “बाघ! बाघ!” और उसके पिता ने उसे उसी तरह से डांटा और उसे चेतावनी दी कि ऐसे मजाक से गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

लेकिन सिमा ने अपनी पिता के बात नहीं सुनी और हर दिन यह खेल खेलती रही, जिससे उसके पिता बहुत नाराज हो गए। एक दिन जब वे शिकार करने निकले तो एक बाघ वास्तव में उन पर हमला करने लगा। सिमा ने जल्दी से “बाघ! बाघ!” चिल्लाई। लेकिन उसके पिता को लगा कि यह फिर से कोई शरारत कर रही है, और उसने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जब बाघ और निकट आया तब सिमा के पिता को समझ में आया कि इस बार वास्तव में बाघ आया है।

सिमा के पिता ने बाघ को शूट कर दिया, लेकिन सिमा के व्यवहार से बहुत निराश थे। उन्हें अहसास हुआ कि सिमा की लगातार शरारतों ने उन्हें वाकई ख़तरे में डाल दिया था।

Moral of the Story

इस नैतिक कहानी (Class 8 moral stories in hindi) का सीख है कि शरारतें खतरनाक हो सकती हैं। अगर आप बार-बार झूठ बोलते हैं या शरारतें करते हैं, तो जब आपको वास्तव में मदद की ज़रूरत होती है, तो कोई आप के ऊपर बिस्वास नहीं करेगा।

7. खरगोश और भेड़िया की नैतिक कहानी – Moral Stories in Hindi for Class 8

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Short moral stories for class 8: एक छोटे से गुफा में अपनी माँ के साथ तीन छोटे खरगोश रहता था। एक दिन, उनकी माँ ने उनसे कहा कि अब उन्हें गुफा से बाहर जाकर जंगल में खुदसे अपना घर बनाना चाहिए।

इस बात को सुनकर तीनो खरगोश बेहद उत्साहित हुआ, लेकिन उन्हें थोड़ा थोड़ा डर भी लग रहा था। उन्होंने पहले कभी घर नहीं बनाया था, और कहा से क्या करना है ये भी उन्हें मालूम नहीं था।

बोहोत सोच बिचार करके पहला खरगोश घास से घर बनाने का फैसला किया, क्यूंकि घास से घर बनाना आसान था। घास से अपना घर बना के पहला खरगोश बोहोत खुस हुआ।

दूसरा खरगोश लकड़ी से घर बनाने का फैसला किया। इसमें थोड़ी देर लगी, लेकिन वो अपने इस नतीजे से खुश था।

तीसरा खरगोश पत्थर से घर बनाने का फैसला किया। यह घर बनने में सबसे लंबा समय लेने वाला था, लेकिन फिर भी तीसरे खरगोश ने अपना घर सबसे मजबूत बनाने का फैसला लिया।

जब घर तैयार हो गया तो, तीनों खरगोश अपने अपने घर में रहने चला गया। पहला और दूसरा खरगोश अपने घर से बोहोत खुश था, उनके घर दिखने में बोहोत अच्छा था। लेकिन तीसरा खरगोश खुश नहीं था। वह चिंतित था कि भेड़िया आकर उसके घर को उड़ा देगा।

एक दिन, भेड़िया आ गया और वह तीनों छोटे खरगोश को देख कर उन्हें खाने का फैसला किया।

भेड़िया पहले खरगोश के घर पर गया और उसने घर को अपनी ताकत से तोड़ दिया। पहला खरगोश दूसरे खरगोश के घर में भाग गया, लेकिन भेड़िया उसका पीछा करता रहा और उसने उस घर को भी तोड़ दिया। वह दोनों खरगोश तीसरे खरगोश के घर में जा कर छुप गया, लेकिन भेड़िया उनके पीछे था।

भेड़िया उस पत्थर से बना घर को तोड़ने की बोहोत कोशिश की, लेकिन वह नहीं तोड़ सका। घर बहुत मजबूत था। भेड़िया निराश हो कर कुछ देर बाद वहा से चला गया।

Moral of the Story

यह नैतिक कहानी सिखाती है कि हमेशा मेहनत का फल मीठा होता है। किसी भी काम को करने के लिए शॉर्टकट नहीं लेना चाहिए।

8. घमंडी शेरखान और चालाक लोमड़ी की कहानी – Hindi Story with Moral for Class 8

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Kids moral stories in Hindi: एक बार की बात है, दूर एक जंगल में शेरखान नाम का एक शेर रहता था। शेरखान एक भयंकर और मजबूत शेर था जिसे अपनी ताकत दिखाना पसंद था। एक दिन जंगल में टहलते हुए शेरखान की मुलाकात भोला नाम की एक चालाक लोमड़ी से हुई। भोला अपनी बुद्धि और बुद्धिमता के लिए जाने जाते थे। वह हमेशा किसी भी समस्या के समाधान के बारे में सोचने में तेज रहते थे। शेरखान अपने घमंड के नाते, भोला को एक दौड़ के लिए चुनौती दी। “मुझे यकीन है कि मैं तुमसे ज्यादा तेज दौड़ सकता हूं, भोला,” शेरखान ने कहा।

भोला ने चुनौती स्वीकार की और वे दोनों दौड़ने लगे। शेरखान अपनी पूरी ताकत से दौड़ी, लेकिन भोला कहीं नजर नहीं आया। थोड़ी देर बाद शेरखान थक गई और दौड़ना बंद कर दिया। उसने चारों ओर देखा और देखा कि भोला ने पहले ही दौड़ पूरी कर ली थी और भोला लाइन पर उसकी प्रतीक्षा कर रहा था।

शेरखान हैरान था और उसने भोला से पूछा कि वह रेस जीतने में कैसे कामयाब रहा। भोला ने जवाब दिया, “मैं तेज़ नहीं दौड़ा, शेरखान। मैंने बस एक अलग रास्ता चुना जो छोटा और दौड़ने में आसान था।”

शेरखान को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने भोला की बुद्धिमत्ता को कम करके आंका था और दौड़ हार गया। उस दिन के बाद से शेरखान ने दूसरों की चतुराई का सम्मान करना और उसकी सराहना करना सीख लिया। उसने यह भी सीखा कि कभी-कभी, अलग रास्ता अपनाने से सफलता मिल सकती है।

Moral of the Story

इस नैतिक कहानी (Class 8 Hindi story with moral) से हमें सिख मिलती है – हमेशा दूसरों के सम्मान करे और कभी भी उनकी क्षमताओं को कम न समझें। और शेरखान की तरह, नए विचारों के अपनाने के लिए तैयार रहना सीखें और यदि आवश्यक हो तो एक अलग रास्ता अपनाएं।

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9. जानिए कैसे एक चालाक चिड़िया ने एक आदमी को बेवक़ूफ़ बनाया

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