छोटी कहानियां छोटे-छोटे खजाने की तरह होती हैं, जिसे पढ़कर हमें ज्ञान तो मिलता है साथ ही आनंद भी बहोत मिलता है। आज हम आपको ऐसी ही कुछ शिक्षा देने वाली मजेदार छोटी कहानियां बताएँगे जिसे पढ़कर आपको बहोत कुछ सिखने को मिलेगा। आप अपने बच्चों को भी इन छोटी कहानियों को सुना सकते है ताकि वो भी कुछ अच्छा सीख सके। तो चलिए एक एक करके छोटी कहानी इन हिंदी पढ़ना आरंभ करते है।
छोटी सीख वाली कहानी – स्कूल मास्टर
छोटी कहानी शिक्षा देने वाली 1: राजा नाम का एक लड़का बहोत दिन से सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। अंत में उसे स्कूल टीचर की नौकरी लग गई। जिस स्कूल में उसे पढ़ाने जाना था वो शहर से काफी दूर एक गांब में था। इशलिये उसे गांब के आसपास ही किराए पर एक घर लेना पड़ा। लेकिन वो घर भी स्कूल से काफी दूर था।
राजा रोज पैदल स्कूल आने जाने लगा। कुछ महीने बाद जब उसके पास अच्छे खासे पैसे जमा हो गए, तो उसने उस पैसे से एक बाइक खरीद ली ताकि और उसे पैदल स्कूल न जाना पड़े।
राजा जब भी स्कूल जाता और रास्ते में कोई उसे पैदल दिख जाता तो वो उसे अपने बाइक पर लिफ्ट दे देता। स्कूल से वापस आते समय भी राजा वही करता। ऐसा एक भी दिन न हो जिसदिन उसने किसी को अपने बाइक पे बिठाये बिना स्कूल गया हो या फिर वापस अपना घर आया हो। उससे जितना हो सकता वो सबकी मदद करने की कोसिस करता।
एकदिन जब राजा स्कूल से घर जा रहा था तो उसे एक आदमी रास्ते पर अकेले पैदल चलता दिखा। उसने रोज की तरह उस आदमी के पास जाकर बोला की आप मेरे बाइक पर बैठ जाइये, मैं इसी रास्ते से जा रहा हूँ आपको आगे छोड़ दूंगा। वो आदमी खुसी खुसी बैठ गया।
कुछ दूर चलते ही राजा को महसूस हुवा की उसकी पीठ पर नोखिला कुछ चुभ रहा है। अचानक वो आदमी राजा से कहने लगा गारी साइड में लगाओ और पैदल घर चले जाओ। उस आदमी के पास एक बड़ा सा चाकू था। राजा डर गया और गारी रास्ते के साइड में लगा दिया।
फिर वो आदमी बाइक लेकर चला गया। और राजा भी अपने किस्मत को कोसते कोसते घर जाकर सो गया। राजा बोहोत दुखी था और भगवान से बार बार ये कह रहा था की मैंने तो सबकी मदद करना चाहा है फिर मेरे साथ ऐसा क्यों हुवा। अगले दिन जब वो सो कर उठा तो उसने देखा की उसकी बाइक घर के बाहर खड़ी है और उसपे एक चिट्ठी भी रखी है।
जब उसने चिट्ठी को खोल के पढ़ना सुरु किया तो उसमे लिखा था – मास्टर जी मुझे माफ़ कर देना, मुझे पता नहीं था आपकी बाइक आस-पास की गांब में इतनी पॉपुलर है। जिसने भी मुझे इस बाइक पर देखा उस्सने ही मुझसे पूछा की ये तो मास्टर जी की बाइक है, तुझे ये कहाँ से मिला। सबको पता चल गया की मैंने आपकी बाइक चोरी की है। इशलिये मैं आपको आपका बाइक लौटा रहा हूँ। हो सके तो मुझे माफ़ कर देना।
इस चिट्ठी को पढ़ने के बाद राजा बहोत खुश हुवा और भगवान का धन्यवाद किया। उसे ये बिस्वास हो गया की भगवन हमेशा अच्छे के साथ अच्छा ही करता है।
सीख : इस छोटी कहानी से ये सिख मिलती है की हमेशा दुसरो की मदद करते रहो, भगवान आपके साथ गलत नहीं होने देगा।
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जिगरी दोस्त – शिक्षा देने वाली छोटी कहानी
छोटी कहानी शिक्षा देने वाली 2: एक गांब में रोहित और सूरज दो जिगरी दोस्त रहा करते थे। गांब में उनके लिए कोई अच्छा काम नहीं था। इशलिये वो दोनों शहर जाकर काम करने का सोचा और अगले दिन काम की तलाश में निकल गए शहर की ओर। शहर गांब से बहोत दूर था। कई घंटों चलने के बाद दोनों दोस्त एक पेड़ के निचे आराम करने के लिए बैठे।
रोहित सूरज से कहने लगा शहर अभी भी ४ – ५ किलोमीटर दूर है। लेकिन सूरज ने कहा, नहीं शहर मात्र २ – ३ किलोमीटर दूर है। इसी बात पे दोनों में बहस होने लगी। अचानक सूरज ने रोहित को जोर से एक चाटा मार दिया। रोहित शांत स्वभाब का था इशलिये उसने सूरज से कुछ नहीं कहा और एक लकड़ी लेकर जमीन पर लिखने लगा – आज मेरा जिगरी दोस्त ने मुझे चाटा मारा।
फिर दोनों शहर की ओर चल दिए। अब कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। रास्ते में एक छोटी सी नदी आई जिसे उनको पार करके जाना था। सबसे पहले रोहित नदी में उतरा और उसका पैर दलदल में फस गया। उसने सूरज से मदद मांगी और सूरज जल्दी से भाग के रोहित के पास गया और उसे दलदल से बाहर निकला। फिर दोनों एक साथ नदी पार किया।
कुछ दूर जाने के बाद रोहित को एक दिवार नजर आया। उसने एक पत्थर ढूंढ के दिवार पर लिखने लगा – आज मेरे जिगरी दोस्त ने मेरी जान बचाई। ये देखकर सूरज रोहित से कहने लगा, जब मैंने तुम्हे थप्पड़ मारा तो तुमने वहींपर जमीन में उस बात को लिख दिया। और अपनी जान बचाने की बात तो तुम नदी के किनारे भी लिख सकते थे, तो इतनी दूर इस दिवार पर क्यों लिखा?
तब रोहित ने जवाब दिया की किसी की बुरी बातें या बुरा करा कुछ भी अपने मन में जमा करके नहीं रखना चाहिए। इससे उस इंसान के प्रति हमारे मन में नफरत पैदा होती है। इसीलिए जब तुमने मुझे थप्पड़ मारा तो मैंने उसे जमीन पर लिख दिया। क्यों की कुछ देर बाद हवा चलेगी और वो लिखावट मिट जाएगी। लेकिन किसी की मदद को कभी भूलना नहीं चाहिए, उसे हमेशा याद रखना चाहिए। इसीलिए मैंने तुम्हारी की हुई मदद को नदी के किनारे नहीं लिखा और यहाँ इस दिवार पर लिख दिया ताकि ये बहोत दिन तक यहाँ लिखा रहे।
रोहित की जवाब सुनकर सूरज खुश हो गया और रोहित को गले से लगा लिया। फिर दोनों हस्ते हस्ते एक साथ शहर की ओर जाने लगे।
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सीख: इस छोटी सी कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमेशा दुसरो की अच्छाई को अपने दिल में जगह देनी चाहिए, इससे हमारे रिश्ते उस इंसान के साथ अच्छे रहते है।
इन शिक्षा देने वाली छोटी कहानियों को पढ़ने के बाद हमें आशा है की आपको आनंद आया होगा और बहोत कुछ सीखने को मिला होगा। अगर सचमे आपको ये कहानियां अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें। धन्यवाद !